Dilawar Singh

Add To collaction

दहेज - लेखनी प्रतियोगिता -12-Feb-2024

कविता का शीर्षक:- दहेज



बहुत सी कुरीतियां समाप्त हो चुकी हैं 

पर इसे क्यों समाज ढ़ोता आ रहा हैं 

स्वार्थ में कितना अंधा होता जा रहा हैं

 

इसके दुष्परिणामों को कब तक अनदेखा करोगें 

व्यर्थ दिखाओ में मानव मूल्यों को ताक पर रख 

अपनी ही नज़रों में ओर कितना गिरोगें 


अब तो जागो माया के लोभियों

बेटी वो सुन्दर पुष्प है जो आंगन को सदा महकाती हैं 

उसके मान सम्मान को कब तक धूमिल करोगें


सभ्य हो सभ्यता को कब तक मलिन करोगें

देना है तो दीजिए उत्तम शिक्षा का उपहार 

बंद करो ये दुनियादारी का व्यापार


🙏🙏🙏🙏🙏

दिलावर सिंह 

#प्रतियोगिता हेतु


   18
5 Comments

Mohammed urooj khan

15-Feb-2024 12:34 AM

👌🏾👌🏾👌🏾

Reply

Madhumita

13-Feb-2024 10:48 PM

Nice

Reply

Gunjan Kamal

13-Feb-2024 09:08 PM

👌👏

Reply